Sunday, November 2, 2014

पीला धन



पीला धन 
# मूलचन्द्र गौतम

जब से देश में काले धन की चर्चा शुरू हुई है ,पीला धन शर्म के मारे जमीन में धंसा जा रहा है . काले धन के मालिकों से सवाल है कि आम ,सरसों पर फूल आने बंद हो जाएँ तो क्या उन्हें काले धन से पैदा किया जा सकता है ? इतिहास गवाह है कि रावण से ज्यादा काला धन तो आज तक किसी के पास नहीं हुआ ,न होगा फिर भी आज तक कोई दूसरी सोने की लंका नहीं बन पाई ?हनुमान ने इस  पीली सोने की लंका में आग लगाकर इसे काली करने की कोशिश की थी लेकिन यह आज तक काले धन की सुरक्षित जगह है .यह बात अलग है कि अब इसकी राजधानी श्रीलंका से हटकर स्विटजरलैंड हो गयी है ताकि कोई हनुमान उसमें  फिर से आग न लगा सके .
भारत में गोधन ,गजधन, बाजिधन ,रतनधन की टक्कर पर गरीब का संतोष धन भारी पड़ता था ।वर्तमान में विश्व में  भारतीय जनता से ज्यादा सोनाप्रेमी कोई जनता नहीं है . सोना खरीदने में असमर्थ होने पर गरीब आदमी चांदी और गिलट से भले संतुष्ट हो जाता था लेकिन सोना उसकी पहली पसंद थी .राजा –महाराजा हीरा ,मोती,माणिक रखते थे लेकिन भगवान का ऐश्वर्य सोने में ही रहता था .लक्ष्मी गणेश तो सोने में ही बसते थे ।स्वर्ण मन्दिर की कल्पना तिरुपति और शिरडी तक फ़ैल रही है .अब शंकराचार्य तक का धंधा पिट चुका है .उन्हें कहीं से भी पीला धन प्राप्त नहीं हो रहा .जबकि अल्लू पल्लू कथावाचकों की बल्ले बल्ले है ।मालामाल हैं।अम्बानी ,अडानी से टक्कर ले रहे हैं।
धंधे में कल के लौंडे झंडे गाड़ रहे हैं .बीवियों को करोड़ों -अरबों के मकान –जहाज गिफ्ट दे रहे हैं .शादी ब्याहों में धन की बौछारें हो रही हैं ।देसी गर्ल की नकल को विदेशी गर्ल ने पीट दिया है।वेडिंग डेस्टिनेशन में इटली पहली पसंद है।वैडिंग डिजायनर सब तय कर रहे हैं ।यह किसी मामूली आदमी के बस का काम नहीं।
लगता है देश में काले और पीले धन के बीच महाभारत छिड़ चुका है और सुप्रीमकोर्ट संजय की तरह तटस्थ होकर धृतराष्ट्र को युद्ध का ताजा हाल सुना रहा है . पीले धन को रखने का भारी झंझट है ।बैंक के लॉकरों पर कभी छापा पड़ सकता है।प्रतीक्षा है कि आखिर में वासुदेव निर्णय दे देंगे कि काले और पीले धन में कोई फर्क नहीं है .खोजना ही है तो सफेद धन की खोज की जाय ताकि देश को फिर से सतयुग में लाया जा सके .लक्ष्मी के वाहन उलूक राय की भी यही राय है कि देश में कालेधन की वापसी के सारे प्रयत्न छोडकर सफेद धन की खोज की जाय .
बस तभी से नेताओं के कपड़ों की सफेदी बढती जा रही है-पल –प्रतिपल।
बॉलीवुड और क्रिकेट ने सारे पुराने धंधों को पीट दिया है।हथियारों की दलाली में तो मुहावरे की तर्ज पर चांदी ही चांदी है।ड्रग्स का नया धंधा उफान पर है ।झंगे पतंगे के पास चार्टर्ड प्लेन हैं जिनसे जब जहां चाहे उड़कर जा सकते हैं।फिलहाल मॉरीशस पहली पसंद है।एक एक के पास अनेक नागरिकताएँ हैं ।गरीब आदमी एक भी निभाले तो बहुत है ।
#शक्तिनगर,चन्दौसी, संभल 244412
मोबाइल 8218636741

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