व्यंग्य
भैया ने सावन में डीजे पर पाबंदी लगाकर शंकर जी के भूत प्रेतों की
सेना को नाराज कर दिया है .अब ये भूत- प्रेत ,पिशाच सपत्नीक क्या सपरिवार ताण्डव
करने पर आमादा हैं . चुनाव तक नहीं रुक पाएंगे .बल्कि भांग-धतूरे के नशे में और अधिक उत्पात मचाएंगे .
अच्छा होता भैया इन्हें नाच –गा लेने देते
.कम से कम इनकी बैटरी तो डिस्चार्ज हो लेती .वह तो भला हो भोले भंडारी का जो अभी
ताण्डव करने के मूड में नहीं हैं .भादों में सोचेंगे .फ़िलहाल तो गौरी ,गणेश के साथ
मगन हैं और घूम –घूम कर नंदी पर बैठकर अपने
द्वादाश्लिंगों का पर्यटन और पुनरावलोकन करेंगे .
डीजे पर पाबंदी के मामले ने
समस्त भूत –प्रेत –पिशाचों को विरोधी दल में खदेड़ कर इकट्ठा कर दिया है .यही हाल
संसद का है .हनुमान चालीसा भी इन पर कोई असर नहीं डाल पा रहा जबकि रात दिन अखंड
जाप चल रहा है –भूत –पिशाच निकट नहिं आवै ....काशी में तो काशीनाथ भी नाराज हैं
.उनकी अस्सी पर तमाम भूत –प्रेत खूंखार हुए घूम रहे हैं .मस्ती में उनके दिमाग में
सब अगडम –बगडम हो रहा है .आईएसआई और सीआईए में उन्हें कोई फर्क ही नजर नहीं आ रहा
.बल्कि वे तो सीबीआई को भी इसी परिवार का हिस्सा मानकर चल रहे हैं भले खुद पर
आईएसआई मार्का ठप्पा लगाये घूम रहे हैं .
बुरा हो इन अंग्रेजों का जो देश को मैकाले के चंगुल में फंसा गये
.पूरे देश के नौनिहाल आईएएस बनने के लिए एब्रिबियेशन घोंट –घोंटकर पागल हुए जा रहे
हैं और फिर भी कन्फ्यूजनवा दूर नहीं हो पा रहा .मिलते जुलते एब्रिबियेशन भी खामखाह
एक दूसरे की जान के दुश्मन हुए जा रहे हैं .अब भला डीजीपी को डीजे से क्या दुश्मनी
?कल को बीजेपी आ गयी तो यही डीजीपी राधारानी बनकर खुद डीजे पर नाचते हुए नजर
आयेंगे .दरअसल नौकरों की यही मुश्किल है कि उन्हें मालिकों का हुक्म बजाना है .अपने
दिमाग का इस्तेमाल करना मना है .जैसे यह दिमाग न होकर कूड़ेदान –पीकदान हो .यहाँ
थूकना मना है .कृपया यहाँ पेशाब न करें .जनता इस मामले में पचास कदम आगे है –गधे
के पूत यहाँ मत मूत .
सो मैं तो घर से निकल ही नहीं रहा .शंकर जी की ठंडी बरात भला कौन
देखेगा ?बरात न हुई मातम हो गया ?घर में ही कैसेट लगा लिया है –शिवजी बिहाने चले
.....
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