Wednesday, November 25, 2015

प्रोफेसर अनुप्रास




प्रोफ़ेसर ,प्रोपराइटर,प्रोफेशनल ,प्रो अमेरिका और अब हर एक के लिए प्रो .मनोहर श्याम जोशी के  ट टा प्रोफ़ेसर षष्टीबल्लभ पन्त .भाषा से खिलवाड़ हर एक के बस की बात नहीं .बाणभट्ट के बाद केवल  प्रो अनुप्रास के पास हैं वृत्यनुप्रास की लम्बी लम्बी लड़ियाँ .घर वालों को पूत के पाँव पालने में ही दिखने लगे थे इसीलिए उन्होंने होनहार का नाम ही अनुप्रास रख दिया था .विश्वविद्यालय में उनके गुरुवर को यह कला इतनी भाई कि उन्होंने कन्यादान के साथ ही उन्हें प्रो बनवा दिया .बस तभी से उन्होंने यह कला विकसित कर ली है कि उन्हें सपने में भी कभी गिलास आधा खाली नहीं दिखा ।अलबत्ता उनका प्रो हर दुकान पर छा गया ।तभी से प्रोफेसर और प्रोपराइटर के बीच की खाई समाप्त हो गयी अब दोनों के मायने एक हो गये हैं।
इसी कला से प्रो अनुप्रास लोकल सिद्धि से ग्लोबल प्रसिद्धि तक पंहुचे हैं .हर समय हर भाषा का शब्दकोश अपने पास रखते हैं .जिस देश में जाते हैं वहां के चार –छह शब्द बोलकर ही महफिल लूट लेते हैं .  शशि थरूर ने अंग्रेजी के मामले में शेक्सपियर को पीछे छोड़ दिया है।हिंदी से ज्यादा उन्हें अंग्रेजी की आनुप्रसिकता पसंद है .पुराने तमाम नौकरशाह इसी एब्रिशियेशन शैली से देशवासियों को बेवकूफ बनाते थे .  उन्हें मालूम है कि मोटी से मोटी अक्ल वाले से लेकर बारीक़ से बारीक अक्ल वाले को अनुप्रास की जादूगरी से लुभाया जा सकता है .ऊपर से सोने में सुहागा उनका वस्त्रबोध.कोई उन्हें अपने बीच पराया समझता ही नहीं . इस मामले में मारीच को वे अपना परमगुरु मानते हैं .जादूगर की तरह जब वे अपनी जुबान से अनुप्रास की लड़ियाँ छोड़ते हैं तो बेला ,चम्पा ,गुलाब ,हरसिंगार महकने लगते हैं और माहौल में नशा छाने लगता है .बस उन्हें इसी मौके की तलाश रहती है जब वे विनिवेश का मुद्दा छेड़ देते हैं .उनके गिरोह के बटमार तत्काल उडती चिड़ियों को अपने जाल में फांस लेते हैं . उन्होंने जहरखुरानियों से सीखा है यह हुनर .चतुर लोग यही काम क्लबों ,केसिनो और पार्टियों में अंजाम देते हैं – खुद बाहोश और दूसरों को मदहोश करके .
पुराने जमाने में यही काम जमींदार और साहूकार करते थे .पब्लिक उनकी भाषा ही नहीं समझ पाती थी .जब तक वे उनकी भाषा समझने वाले वकीलों के पास पंहुचते थे तब तक उनके हाथों के तोते उड़ जाते थे और वे  लुटे पिटे खाली हाथ मलते हुए घर लौट आते थे .
प्रो अनुप्रास ने उसी पुरानी कला को माडर्न बनाया है .हर बुड्ढे की जन्मकुंडली उनके पास है . जवानों पर उनका जादू है .मजाल है कोई मुंह खोल जाए ?घर का तो क्या घाट का भी नहीं रहने देंगे उन्हें .इसलिए खुदा के बन्दों को नेक सलाह है कि चुप रहें और झेलें .
# शक्तिनगर, चन्दौसी, संभल 244412
मोबाइल 8218636741


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