Monday, October 17, 2022

चौदहवीं का चाँद उर्फ मूनलाइटिंग

 चौदहवीं का चाँद उर्फ मूनलाइटिंग


# मूलचन्द्र गौतम

कवियों की दुनिया भी विचित्र है।एक तुक मिलाने के चक्कर में वे दुनियाभर के कुलाबे मिला देते हैं।उनकी कुछ तुकें और तुक्के तो अजीबोगरीब होते हैं।एक एक तुक के लिये  ये तुक्कड़ शिरोमणि बेतुके होने तक को तैयार रहते हैं।उनकी बेचैनी का आलम घर वालों तक की समझ में नहीं आता ।कुछ की कुंडलिनी तो वाशरूम में ही जाग्रत हो पाती है जहाँ वे घण्टों बैठे रहकर एक सही तुक के शिकार की तलाश करते हैं। इसे वे समाधि से कम का दर्जा नहीं देते ।इसीलिए घरवालों से अलग उनका सेपरेट वाशरूम है जिसमें हमेशा अन्यों का प्रवेश वर्जित है ।पता नहीं चौबीस घण्टों में  कब उन्हें इसकी जरूरत पड़ जाय ।

विश्व की समस्त भाषाओं के कवियों को चाँद हमेशा से सबसे ज्यादा पसंद रहा है ।चाँद की आड़ में वे अपनी प्रेमिकाओं को एक से  बढ़कर एक कल्पनाओं के उपहार देते रहे हैं।इसी कारण वे प्रेमियों के सरताज हैं ।हर बेजुबान प्रेमी उनकी शायरी में प्रेम का इजहार करता है भले बदले में लात घूँसे और जूते खाने की नौबत आ जाय ।इस मौके का सबसे मौजूँ गाना किसे याद नहीं आता जिसे सुनकर हर हसीना का दिल गार्डन गार्डन हो जाता है।लाजबाब की तुक में ध्यान ही नहीं रहता कि उसे आफ़ताब क्यों कहा जा रहा है?
दरअसल यह आफ़ताब ही पूरी आफ़त का आदिम स्रोत है जहाँ से सृष्टि में मूनलाइटिंग की शुरुआत हुई या कहें श्रीगणेश हुआ ।ऊपर की आमदनी मूल आमदनी पर भारी पड़ गयी ।ओवरटाइम तक को यह झेलनीय था लेकिन मूनलाइटिंग की जद में आते ही यह ईडी और सीबीआई की पकड़ में आ गया ।अब भरष्टाचार तो एक पैसे का हो यह अरबों खरबों का भरष्टाचार ही है।कोई कम्पनी कंसल्टेंसी के नाम पर ऐसे  बेमुरव्वत और बेईमान को अपने यहाँ क्यों बर्दाश्त करेगी ?यह तो चोरी  है और सीनाजोरी भी।

अब सवाल यह है कि इस मूनलाइटिंग की जड़ें जिंदगी के किस क्षेत्र में नहीं हैं।एक आदमी तीन तीन कमाऊ बीबियाँ रखे हुए है उसे कोई नहीं देख रहा ।गर्लफ्रैंड और लिवइन के चक्कर अलग ।नैतिकता के स्वयम्भू ठेकेदार और दरोगा इन महान प्रतिभाओं को नमन करने को बाध्य हैं।कितने हैं जिनसे न एक सरकारी नौकरी सध रही है ,न एक बीबी ।स्टार्टअप की दुनिया में इस अपार क्षमता की कोई कद्र ही नहीं।उद्योगिनमं सिंघमुपैति लक्ष्मी ।लक्ष्मी इसी विराट पुरुष पर फिदा होती है घरघुसरे कीड़े मकोड़े पर नहीं।

इसलिए मूनलाइटिंग को बदनाम करने वाले विकृत बुद्धियों से करबद्ध निवेदन है कि वे खाहमखाह अफवाहों को फैलाने से बचें और चाहें तो खुद भी कभी  पूर्णिमा की रात में इस मूनलाइटिंग का दीदार करें जो कवियों की नींद हराम किये रहती थी , है और रहेगी ।

# शक्तिनगर ,चन्दौसी, संभल 244412
मोबाइल 9412322067

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