Thursday, January 18, 2024

काले धागे और मोटे कलावे का ट्रेंड

काले धागे और मोटे कलावे का ट्रेंड 

#    मूलचंद्र गौतम

इक्कीसवीं सदी के प्रारंभ से ही आभास था कि विश्व का माहौल अविश्वसनीय तरीके से तेजी से बदल जायेगा।बाबा ने तो काफी पहले से भविष्यवाणी कर रखी थी कि कलियुग केवल नाम अधारा ।राम नाम की यही अनंत महिमा अब अयोध्या में राम मंदिर के साथ प्रकट होनी प्रारंभ हुई है ।जैसे  कलिकाल में त्रेता का आगमन हो रहा हो ।पश्चिम के कवि और दार्शनिक भले काल, इतिहास,नाम और अस्तित्व को लेकर भ्रम के शिकार रहे हों विश्वगुरु को कभी कोई संदेह नहीं रहा । इसीलिए हमारे यहां कोई पंचमकारी टोना टोटका कामयाब नहीं हो पाया ।वेदांत ने कोरोना की आसुरी माया और विभीषिका को फूंक मार कर उड़ा दिया । यह विपक्षी असुर अब भी अनेक रूप धारण कर प्रकट हो रहा है लेकिन हमारे एक मामूली से ईडी के टीके के आगे निरीह की तरह जान की भीख मांगता रहता है।

सृष्टि के प्रारंभ से ही नकल असल पर भारी पड़ता रहा है लेकिन आखिर एक दिन पोल खुलकर ही रहती है फिर उघरे अंत न होहि निबाहू.....। कबीरदास जी को नकल से सख्त नफरत थी । इसीलिए वे पकड़ लेते थे मन न रंगाये रंगाये जोगी कपड़ा। कर का  मनका और मन का मनका को उनकी कसौटी पकड़ लेती थी ।हाथी के खाने और दिखाने के दांतों की तरह नेता ,संत और व्यापारी का दिखावा ज्यादा देर तक छिप नहीं सकता । ऊपर वाले की लाठी में आवाज नहीं होती। कानून का घनचक्कर उसे कहीं का नहीं रहने देता ।

सतयुग में धर्म अधर्म ,न्याय अन्याय ,देव दानव का रंग एकदम सफेद और काला था जो तुरंत पहचान में आता था ।दुनिया ,फिल्में और धन जब से ब्लैक और व्हाइट के बजाय रंगीन होना शुरू हो गये तभी से घपला शुरू हो गया ।अब एक नंबर में कुछ होता ही नहीं सब कुछ दो या दस नंबरी है। दस बीस करोड़ धारी तो बीपीएल की श्रेणी में भी नहीं आयेंगे।नए कानून में चार सौ बीस नंबर की धारा भी अपराध की सीमा से बाहर हो जायेगी। इस नंबर को धारण करने वाले लोग मोटे मोटे कलावे पहनकर विधर्मी राहु केतु की तरह देवताओं और धार्मिकों की अग्रिम पंक्ति में अमृत पान  करेंगे।स्वर्ग में इंद्र की सभा में उर्वशी और रंभा जैसी नामी गिरामी अप्सराओं के साथ नृत्य करेंगे।दो चार पकड़े भी गए तो क्या फर्क पड़ता है।वैसे भी मोटू कलावाधारी का रथ जमीन से कम से कम छह इंच ऊपर चलता है। जप,माला, छापा, तिलक की श्रेणी में मोटा कलावा ससम्मान जुड़ चुका है।आज की तारीख में इसके बिना किसी को प्रामाणिक रूप से धार्मिक नहीं माना जा सकता।

बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला । ट्रकों के पीछे शोभा बढ़ाने वाला  यह आसुरी कलर अब फैशन में नंबर वन पर ट्रेंड कर रहा है।नाजुक बदन वाली हसीनाएं बुरी नजरों से बचने को काले टीके का इस्तेमाल करती थीं ।अब उसी की जगह काले धागे ने ले ली है जो गरदन और कमर से होता हुआ पैरों तक आ पहुंचा है और अब जिसे पैर में आभूषण की तरह धारण करने का ट्रेंड चल रहा है। यह काला जादू कश्मीर से कन्याकुमारी तक चल रहा है।

# शक्ति नगर, चंदौसी, संभल 244412
मोबाइल 9412322067

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