Monday, November 28, 2016

डूबा वंश कबीर का



# मूलचन्द गौतम  

  लोदी से लेकर मोदी तक के शासनकाल में  काशी के नंगे –भिखमंगे कबीर को खरीदने –बेचने की कोशिशें जारी हैं क्योंकि इसे किसी कीमत पर कुचला तो जा ही नहीं सकता .इस मामले में यह पूरा रक्तबीज है ,जो कभी धूमिल बन जाता है कभी पाश .माया मोह से दूर कबीर के घर में फूट डालने की कोशिशें क्या कम हुई थीं .राम नाम को छोडकर माल घर ले आने वाले कमाल से ही कबीर को अंदाजा हो गया था कि एक दिन यह कपूत उनका वंश गारत कर देगा .वही हुआ जब हाल ही में काशी के सांसद और प्रधानमन्त्री ने नोटबंदी की घोषणा की तो रातों रात किसी महेंद्रा नाम के पूंजीपति ने कमाल के  जनधन खाते में विजय माल्या के घोटाले के बराबर की रकम ट्रान्सफर कर दी . जबकि कबीर ने  इसी डर से अपना पहचान पत्र का पता तक मगहर का करवा लिया था ताकि उन पर किसी तरह का कोई इल्जाम न लगे .जो काशी तन तजे कबीरा रामहिं कौन निहोरा .कबीरपंथी गाँधी ने भी आम आदमी की लड़ाई लड़ने के लिए सिर्फ एक लाठी और लंगोटी को धारण किया था .अगर वे सूट बूट धारण किये रहते तो शायद राष्ट्रपिता न हो पाते .फैशन की शौकीनी सिर्फ चाचा और मामा के हिस्से आती है .
गांधीजी ने  देश की तथाकथित आजादी के बाद इसीलिए कांग्रेस को भंग करने के लिए कहा था क्योंकि उन्हें मालूम था कि उनके नाम और फोटो का दुरूपयोग होगा .वे तो नोटों तक पर अपना फोटो नहीं देना चाहते थे .अपरिग्रही गाँधी का इससे बड़ा दुरूपयोग क्या हो सकता था कि उनके फोटो छपे नोट घूस और तमाम तरह के  अपराधों में इस्तेमाल किये जाएँ .उनकी आत्मा अब और ज्यादा दुखी है जब  नये नोटों पर दोबारा उनकी फोटो छप गयी है .इस शर्मिंदगी में वे अपने कमालों-नक्कालों-हत्यारों को गाली भी नहीं दे सकते .दरअसल आदमी अपनी औलादों से ही हारा है .बड़े से बड़े नेता की औलादें ही उसकी ऐसी तैसी करके रख देती हैं और जीते जी उसे वंशवाद ,परिवारवाद के आरोप  अलग झेलने पड़ते हैं . हत्या तक हो जाती है .दामाद के मामले में तो दुर्गति और भी ज्यादा होती है .बहू विदेशी हो तो और ज्यादा मरण .बाबा तुलसीदास इसी डर से घर बार छोडकर भागे .धूत कहौ रजपूत कहौ ...जुलहा कहौ कोऊ . आखिर तक उन्हें पीड़ा यही रही कि उन्होंने भी कबीर से कम अपमान नहीं झेला लेकिन क्रांति का श्रेय कबीर को ही क्यों मिला ?
कुदरत का उसूल है कि जो आदमी जिस चीज से सबसे ज्यादा घृणा करता है ,उसे वही सबसे ज्यादा झेलनी पडती है .तो कबीर को  आज भी कमाल की करनी की जिल्लत झेलनी पड़ रही है तो इसमें आश्चर्य क्या है ?वंश डूबा है तो डूबे .
# शक्तिनगर ,चन्दौसी ,संभल 244412  मोबाइल-9412322067

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