Thursday, June 16, 2016

घर की मुर्गी दाल बराबर भी नहीं

# मूलचन्द्र गौतम
प्यारेलाल ने  सुबह-सुबह मातृभाषा से घर की मुर्गी की तुलना की तो मेरा दिमाग घूम गया .बुढ़ापे में यह क्या मजाक सूझ रहा है प्यारेलाल को .मजाक में हम भी कभी कभी उन्हें प्रोफेसर प्यारेलाल ही कहते हैं .लेकिन हर वक्त तो मजाक और चुहलबाजी का नहीं होता .
लेकिन मामला वाकई गम्भीर था जब मैंने देखा कि प्रोफेसर आज कतई मजाक के मूड में नहीं हैं ,बल्कि उनका मूड जड़ से ही उखड़ा हुआ है .बोले अभी तक बिहार के टापर्स का सदमा ही नहीं झेल पाया था कि दूसरा झटका यूपी ने दे दिया . एक तो उन्हें देश के विभाजन से ही खुंदक थी .ऊपर से हिंदी प्रदेशों के अलगाव ने उन्हें डिप्रेशन का शिकार बना दिया .रात दिन कामता प्रसाद गुरु और किशोरी दास वाजपेयी का नाम जप करने वाले प्रोफेसर को महान दल की तरह महान कष्ट था कि संस्कृत की तरह हिंदी को कोई पाणिनि ,पतंजलि क्यों नसीब नहीं हुआ ?उन्हें नहीं मालूम कि ऐसा होता तो हिंदी  कब की मर गयी होती .
प्यारेलाल विक्टोरियन जमाने के अंग्रेजीदां हैं .इसीलिए उन्हें अमेरिकन अंग्रेजी भी गंवारू लगती है और असल में कोई कुछ भी कहे वे  भाषा ही नहीं पूरी दुनिया की गडबडियों की जड में वे अमेरिका को ही मानते हैं .वैयाकरण गणितज्ञों की तरह झक्की हो जाते हैं .उन्हें हर समय सूत्र और समीकरण ही सूझते रहते हैं .इसीलिए दुनियादारों की नजर में वे पगलैट,क्रैक,हाफ माइंड और न जाने क्या क्या होते हैं .प्रेमपत्रों में भी व्याकरण की अशुद्धियाँ देखने वाले .
तो कुल मिलाकर लुब्बोलुबाब यह निकला कि प्रोफेसर यूपी की टीजीटी-पीजीटी परीक्षा में हिंदी की तथ्यात्मक और व्याकरणिक अशुद्धियों पर बिफरे हुए हैं .उन्हें क्या पता कि गडबडी सैटर की नहीं मुद्राराक्षस की हो?.गोपनीयता के चक्कर में प्रूफ रीडिंग न हो पायी हो .लेकिन प्यारेलाल हैं कि ब्राह्मण-कायस्थों के अलावा किसी को शिक्षा और प्रशासन के योग्य नहीं मानते .
मेरे दिमाग में खटका हुआ कि प्रोफेसर को कहीं सनक चढ़ गयी और मुख्यमंत्री ने उन्हें शिक्षा सलाहकार बना लिया तो उनकी ऐसी तैसी हो जायेगी .सब शुद्धता खाक में मिल जायेगी . एक एक वर्तनी की गलती की सजा कमचियों और उँगलियों पर झेल चुके प्यारेलाल को इस्तीफा देते ही बनेगा . चुनाव की नैया पार कराने में व्याकरण फेल हो जायेगी .
अंत में मैंने उन्हें यही समझाया खब्त छोडो प्यारे और मंहगी दाल से घर की मुर्गी की व्यर्थ तुलना मत करो .देश आगे बढ़ रहा है और तुम हो कि वर्तनी की गलतियाँ निकालने पर तुले हो .अमेरिका ही आज का और भविष्य का महाजन है अत: आँख बंदकर उसी के पन्थ का अनुसरण करो .मौज में रहोगे
#  .शक्तिनगर, चन्दौसी, संभल 244412
मोबाइल8218636741


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