Wednesday, August 2, 2023

लाइक नालाइक

लाइक नालाइक

# मूलचंद्र गौतम

पुराने जमाने के लायक नालायक डिजिटल मीडिया के दौर में लाइक नालाइक में परिवर्तित हो चुके हैं ।मोबाइल ने  हर वक्त जो हुकुम मेरे आका  टाइप भूत प्रेत जिन्नातों को परमानेंट काम दे दिया है कि इस लकड़ी पर चौबीसों घण्टे चढ़ते उतरते रहो । आसमान के तारों और पेड़ के पत्तों को गिनने से ज्यादा महत्वपूर्ण और कठिन काम है यह । यह ऐसा लाइलाज नशा है कि सुबह उठते ही जीव सूर्यनमस्कार करने के बजाय फेसबुक की लाइक्स और व्यूज को गिनने बैठ जाता है।मनमाफिक लाइक न मिलने पर बंदा बंदी गहरे अवसाद उर्फ डिप्रेशन और मानसिक रोगों में चले जाते हैं ।एंजाइटी आजकल मुख्य रोग है जिसके विषाणु बेहद घातक हैं । इंस्टाग्राम और यूट्यूब ने तो तहलका मचा रखा है ।यहाँ कोई भी खुद को हीरो हीरोइन बना सकता है ।यहाँ यार दोस्त और रिश्तेदार अब इन्हीं लाइक्स से तय होते हैं  जो लाइक करने के बजाय उपेक्षा करते हैं उनको तत्काल नालायकों के बट्टे खाते में डाल दिया जाता है।कोई केवल  औपचारिक लाइक करके चलता बने तो उसकी आँखों में उंगली डालकर कहा जाता है कोई कमेंट तो करो ।कमेंट पसंद न आये तो अलग तरह की फजीहत।यानी आत्ममुग्धता पागलपन की चरम अवस्था तक जा पहुँची है ।इसीलिए मीडिया प्रतिष्ठानों ने फर्जी फ़ॉलोअर्स और लाइक्स का धंधा चला रखा है ।

कुल मिलाकर सोशल मीडिया ने माहौल अनसोशल बना दिया है ।तमाम तरह की दुश्मनी निकालने का अखाड़ा हो गया है सोशल मीडिया। ट्रोल आर्मी अगर किसी मामले में पीछे पड़ गयी फिर तो भगवान भी नहीं बचा सकता। तो यहाँ हर पल फूँक फूँक कर कदम रखने में ही भलाई है अन्यथा किस बात में आपको पुलिस राजद्रोह में  धर लेगी कोई ठिकाना नहीं ,फिर लगाते रहो कोर्ट कचहरी के चक्कर।सरकारी कर्मचारी की गर्दन सबसे ज्यादा मुलायम जब चाहे धर दबोचो  तत्काल सस्पेंड टर्मिनेट।प्राइवेट नौकरियों में तो सोशल मीडिया प्रतिबंधित ।हर घटना का वीडियो उर्फ चश्मदीद गवाह।

अच्छा हुआ जो आचार्य शुक्ल के दौर में मोबाइल नहीं था अन्यथा वे कंजूस के बजाय मोबाइल में तल्लीन दर्शक को ही परम योगी डिक्लेयर करते ।कहीं भी देखिये चारों ओर मोबाइल समाधि में लीन तपस्वी ही दिखाई देंगे ।टीवी सीरियलों और मोबाइल ने घर घर मिनी महाभारत मचा रखा है।और तो और जो सद्य प्रसूत बच्चे मां का दूध पीकर चुप होते थे अब वे मोबाइल लेकर चुप होते हैं।गर्भ में ही  उन्हें मोबाइल प्रेम की दीक्षा मिल जाती है।

आचार्य उर्फ भगवान रजनीश भी मोबाइल से वंचित रहे अन्यथा उन्हें इंटरकोर्स से समाधि तक के डिस्कोर्स की जरूरत ही नहीं पड़ती ।मोबाइल  के गूगल गुरु ने वात्स्यायन और कोका मुनि को अरबों मील पीछे छोड़ दिया है । तत्काल कुंडलिनी जागरण की गारण्टी ।बड़े बड़े माननीय  सार्वजनिक रूप में ब्लू दर्शन करते हुए  रंगे हाथों पकड़े जा चुके हैं।अपराधियों का तो काल सिद्ध हुआ है यह अस्त्र ।सात तहखानों में नहीं बच पाये बड़े बड़े महारथी ।हर समय आप सैटेलाइट की पकड़ जकड़ में हैं ।आप अगर गलती से घूसखोर हैं तब तो मोबाइल आपको जरूर कैद करके जेल की हवा खिला देगा । किसी भी घटना को वायरल करके यह पुलिस के वायरलेस को फेल कर सकता है।रेडियो, कैमरा और कम्प्यूटर सब यहाँ उपलब्ध है।
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# शक्तिनगर, चंदौसी, संभल 244412
मोबाइल 9412322067

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